रक्तदान - जनजागृति अभियान.......

रक्त एक तरल पदार्थ है जिस पर हमारा सम्पूर्ण जीवन आधारित है | रक्त 60% तरल पदार्थ एवं 40% ठोस भाग से बना है | रक्त का तरल हिस्सा प्लाज्मा कहलाता है, जो कि 90% पानी एवं 10% पोषक तत्वों, हार्मोन्स इत्यादि से मिलकर बना होता है, भोजन, दवाइयों इत्यादि से आसानी से पुनः निर्मित हो जाता है | रक्त का ठोस हिस्सा जो कि RBC (लाल रक्त कणिकाओं), WBC (श्वेत रक्त कणिकाओं) एवं प्लेटलेट्स से मिलकर बना होता है यदि शरीर में कम हो जाते हैं तो इनके पुनर्निर्माण में काफी समय लगता है |


यही वह समय है जब आप एक जीवन बचा सकते हैं | शरीर में इनकी पूर्ति में लगने वाला समय मरीज की जान भी ले सकता है क्योंकि कई बार हमारा शरीर इन सभी की स्वतः पूर्ति करने में सक्षम नहीं होता |


हम सभी जानते हैं कि रक्त बनाया नहीं जा सकता, यह केवल दान किया जा सकता है | तात्पर्य यह है कि केवल आप ही हैं जो कि एक जीवन बचा सकते हैं, जिसे रक्त की आवश्यकता है |


हर साल भारत में 240cc रक्त कि 40 लाख यूनिट की आवश्यकता है जिनमें से केवल 5 लाख यूनिट उपलब्ध हैं |


आइये हम भी अपने स्वस्थ्य शरीर से दूसरों को लाभ पहुँचाने का प्रयास करते है |


आप भी रक्तदान कर सकते हैं यदि ..........
  • आपकी आयु 18-60 आयुवर्ग के बीच है |
  • आपका वजन 45 किलोग्राम या उससे अधिक है |
  • आपका हिमोग्लोबिन 12.5% या उससे अधिक है |
  • आपने पिछला रक्तदान 3 महीने पहले किया था |
  • आप स्वस्थ्य हैं और मलेरिया, टाइफाईड या हाल ही में अन्य संक्रामक रोग से पीड़ित नहीं हैं |

हमारे बीच कई ऐसे लोग हैं जो स्वास्थ्य और फिटनेस के इन मानकों को पूरा कर रहे हैं | तो आगे आइये और रक्तदान कीजिये आपका एक यूनिट रक्त एक जीवन बचा सकता है |


कृपया निम्नलिखित स्थितियों में रक्तदान न करें :-
  • मलेरिया (1 वर्ष के भीतर)
  • हेपेटाईटिस बी, सी
  • पीलिया
  • एड्स
  • क्षयरोग (2 साल के भीतर)
  • डाइबिटीस (यदि आप वर्तमान में दवाई ले रहे हैं)
  • कैंसर
  • कुष्ठ रोग या किसी भी अन्य संक्रामक रोगों से
  • कोई एलर्जी (यदि आप गंभीर लक्षणों से पीड़ित हैं)
  • हीमोफीलिया / रक्तस्राव समस्याओं से
  • गुर्दे की बीमारी
  • दिल की बीमारी
  • चेचक (1 वर्ष के भीतर)
  • हार्मोन सम्बन्धी विकार
  • हिमोग्लोमिन कि कमी / एनीमिया (हाल ही में)